Sarkari vs private bank : दोस्तों अगर आप एक नया बचत खाता खोलने की सोच रहे है तोह आपके मन में भी सवाल उठा होगा की मुझे किस बैंक में अपना अकाउंट खुलवाना चाहिए सरकारी बैंक में या प्राइवेट बैंक में इस पोस्ट में हम इसी बारे में थोड़ी चर्चा करेंगे जिससे आपको सही निर्णय लेने में कुछ मदद मिल सके. वर्तमान समय में प्राइवेट बैंकों की संख्या काफी ज्यादा हो गयी है और सरकार भी कई सरकारी बैंकों के निजीकरण करने के बारे में विचार कर रही है. कुछ समय पहले ही सरकार ने कई सरकारी बैंकों का आपास में विलय कर दिया है. कस्टमर सर्विस के हिसाब से प्राइवेट बैंक की ओर लोगो की दिलचस्पी बढ़ी है.
प्राइवेट बैंक में अकाउंट के फायदे
1. Online Account खोलने की सुविधा : आज ज्यादातर प्राइवेट सेक्टर के बैंक आपको online savings account खोलने की सुविधा दे रहे है. आप इन बैंक की वेबसाइट पर जाकर या mobile app डाउनलोड कर कुछ ही देर में नया अकाउंट ओपन कर सकते है.2. High Interest Rate : Private bank आपको savings account पर ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे है. इन बैंकों में 4 से 7% तक ब्याज दिया जा रहा है.
3. Video KYC : आपके खाते की Full KYC के लिए कुछ प्राइवेट बैंकों ने विडियो कॉल के जरिये KYC करना शुरू कर दिया है जिससे आपको बैंक ब्रांच जाने की जरुरत नहीं पड़ती.
अब यदि आप अपने शहर से दूर भी है तब भी आप अपने खाते की full kyc करा सकते है.
4. सुविधाजनक बैंकिंग : आपकी passbook, cheque book और debit card आर्डर करने सीधे आपके address पर भेज दिया जाता है. छोटे मोटे कामो के लिए ब्रांच के चक्कर काटने की जरुरत नहीं.
5. बेहतर कस्टमर सर्विस : ऐसा देखा गया है प्राइवेट बैंकों की customer service सरकारी बैंकों की तुलना में काफी अच्छी होती है. यदि आपको बैंकिंग में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तोह उसका निस्तारण जल्दी हो जाता है.
प्राइवेट बैंक खाते के नुक्सान
1. ज्यादा चार्ज वसूलना : प्राइवेट बैंक आपसे हर बैंकिंग सर्विस के लिए ज्यादा चार्ज वसूलते है. नया एटीएम कार्ड जारी करना हो या cheque book लेना हो या फिर fund transfer की बात करे सभी जगह सरकारी बैंकों की तुलना में काफी ज्यादा चार्ज लिया जाता है.2. मिनिमम बैलेंस : प्राइवेट बैंकों में मिनिमम बैलेंस की सीमा बहुत ज्यादा होई लगभग 5 से 10 हज़ार के बीच यदि आपके खाते में minimum balance से कम राशि हुयी तोह बैंक इसका charge भी आपके बैलेंस से काटना शुरू कर देता है.
सरकारी बैंक में खाते के फायदे
सरकारी बैंक में अब डिजिटल हो गए कुछ सरकारी बैंकों में आप online account open कर सकते है अकाउंट ओपन होने के बाद आपको रेफ़रन्स नंबर मिल जाता है इसके बाद आपको अपने फॉर्म का प्रिंट लेकर ब्रांच जाना होगा जहाँ documents verification के बाद आपका account open हो जायेगा. आप डायरेक्ट ब्रांच जाकर भी खाता खोल सकते है.1. मिनिमम बैलेंस : सरकारी बैंकों में आपको अपने खाते में न्यूनतम राशि बनाये रखने की सीमा काफी कम होती 500 से 2000 रूपए के बीच जिसे सामान्य व्यक्ति आसानी से मेन्टेन कर सकता है यदि आपके बैलेंस कभी कम हुआ तोह चार्ज भी काफी कम काटना है.
2. पैसे की सुरक्षा : सरकारी बैंकों में जमा आपका पैसा सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है.
सरकारी बैंक में खाते के नुक्सान
1. कम ब्याज दर : सरकारी बैंकों में savings account पर आपको काफी कम ब्याज दर मिलती है लगभग 2.75 से 3.50% के बीच जोकि प्राइवेट बैंकों की तुलना में आधी है.2. Digital और fast banking की कमी : सरकारी बैंकों में कुछ बैंकों को छोड़कर बाकि सभी बैंकों में अभी भी बहुत सारे कामो के लिए बैंक ब्रांच के चक्कर काटने पड़ते है.
3. कस्टमर सर्विस : सरकारी बैंकों में अधिकतर लोगो की शिकायत रहती है की बैंक कर्मचारी उनके साथ ठीक व्यव्हार नहीं करते ना ही उनकी बातो का ठीक से जवाब देते है.
उम्मीद है आपको सरकारी और प्राइवेट बैंकों के फायदे और नुक्सान के विषय में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और आपको कुछ हद तक ये निर्णय लेने में जरुर मदद मिली होगी आपको किसमे अपना खाता खुलवाना चाहिए. हालंकि अब सरकारी बैंकों में काफी बदलाव आया है यहाँ आधुनिक डिजिटल मशीन लगायी जा रही जैसे: सेल्फ प्रिंटिंग पासबुक मशीन , कैश डिपाजिट मशीन इसके साथ ही मोबाइल बैंकिंग एप्प जिससे आपको बैंक में लाइन लगकर अपना काम करवाने के झंझट से आज़ादी मिल रही है.
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