चेक कैशलेस पेमेंट का एक बड़ा ही पुराना माध्यम है जिसमे पैसे एक अकाउंट से दुसरे अकाउंट में बड़ी आसानी से ट्रान्सफर किये जा सकते है. लेकिन बैंक में लगा गया चेक कभी भी bounce हो सकता है. चेक बाउंस क्यूँ होता है इसके अनेक कारण हो सकते है जिनके बारे में आप इस पोस्ट में जानेंगे.
Cheque Bounce होने का अर्थ
जब बैंक द्वारा चेक प्राप्त करने वाले व्यक्ति को चेक की राशि देने से मना कर दिया जाता है यानी उसके खाते में अमाउंट ट्रांसफ़र नहीं होता तोह वो cheque bounce माना जाता है.
चेक लगाने वाले व्यक्ति को उसका चेक क्यूँ रिजेक्ट हुआ इसका कारण लिखी की एक स्लिप के साथ चेक वापस कर दिया जाता है.
लीगल नोटिस भेज सकते है – बात चीत से बात ना बने तोह आप लीगल नोटिस भी भेज सकते है ये नोटिस आपको चेक बाउंस होने के 30 दिन के अन्दर भेजना होगा यदि फिर भी बात ना बने तोह आप कोर्ट केस भी कर सकते है.
चेक बाउंस होने के क्या कारण हो सकते है और चेक बाउंस होने पर आप क्या कार्यवाही कर सकते है इसकी जानकारी आपको मिल गयी होगी. इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी.
चेक लगाने वाले व्यक्ति को उसका चेक क्यूँ रिजेक्ट हुआ इसका कारण लिखी की एक स्लिप के साथ चेक वापस कर दिया जाता है.
Cheque Bounce होने के मुख्य कारण
- अकाउंट में कम राशि होना – cheque जारी करने वाले के amount में यदि चेक पर लिखे हुए amount से कम राशि है तो cheque bounce हो जाता है. अधिकतर इसी कारण से चेक बाउंस होते है.
- सिग्नेचर का ना मिलना – यदि चेक पर किये गए हस्ताक्षर आपके बैंक में मौजूद हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते तोह भी चेक बाउंस हो जाता है.
- तारीख में गलती – cheque भरते समय यदि गलत date डाल दी जाए तोह भी चेक बाउंस हो जाता है चेक जारी करने की तारीख से तीन महीने तक valid रहता है इससे बाद यदि आपने चेक लगा दिया तोह वो निश्चित रूप से reject कर दिया जायेगा.
- गलत और अधुरा भरा चेक – चेक भरते समय इसमें नाम , तारीख और अमाउंट अंको में और शब्दों में बिल्कुल सही तरीके से भरे over righting और काट पिट ना करे नहीं तोह cheque bounce हो जायेगा. चेक भरते समय कोई भी चीज छुट जाने पर चेक बाउंस हो जायेगा.
- कटा - फटा चेक – चेकबुक से चेक फाड़ते समय विशेष सावधानी बरते कटा - फटा हुआ चेक भी बाउंस हो सकता है.
Cheque Bounce होने पर क्या करे
चेक बाउंस होने पर आप इसके बारे में चेक जारी करने वाले व्यक्ति को सूचित करे अगर वो आपको दूसरा चेक दे देता है या उसी चेक में संशोधन कर देता है तब तो कोई बात नहीं.लीगल नोटिस भेज सकते है – बात चीत से बात ना बने तोह आप लीगल नोटिस भी भेज सकते है ये नोटिस आपको चेक बाउंस होने के 30 दिन के अन्दर भेजना होगा यदि फिर भी बात ना बने तोह आप कोर्ट केस भी कर सकते है.
Cheque Bounce होने पर क्या सजा मिल सकती है
चेक बाउंस होने की स्थिति में कोर्ट केस होने पर व्यक्ति को दो साल की कैद और चेक की राशि का दुगना अमाउंट भरने की सजा दी जा सकती है. 30 दिन के भीतर भुगतान नहीं करने पर आप नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 के अनुसार कार्यवाही कर सकते है.चेक बाउंस होने के क्या कारण हो सकते है और चेक बाउंस होने पर आप क्या कार्यवाही कर सकते है इसकी जानकारी आपको मिल गयी होगी. इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी.
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