Sun Pharma के फाउंडर Dilip Shanghvi की सक्सेस स्टोरी

Success story of sun pharma founder dilip shanghvi
 
 
Sun Pharma भारत की सबसे बड़ी pharma company है. सन फार्मा की शुरुआत गुजरात के
होलसेल दवा कारोबारी दिलीप सांघवी ने 1982 में महज दस हज़ार रूपए में पांच products के साथ की थी. आज के समय में sun pharma एक multinational company बन चुकी है और इसके फाउंडर दिलीप सांघवी भारत के सबसे आमिर लोगो की लिस्ट में दुसरे नंबर में शामिल है. 2015 में इन्होने भारत के सबसे अमीर आदमी business tycoon mukesh ambani को भी पीछे छोड़ दिया था. इन्होने दिग्गज pharma company Ranbaxy को भी खरीद कर sun pharma में विलय कर लिया और sun pharma को देश की सबसे बड़ी pharma company बना दिया.

Success Story of Sun Pharma founder Dilip Shanghvi

दिलीप सांघवी का जन्म 1 अक्टूबर 1955 को अमरेली , गुजरात में हुआ था. इनके पिता शांतिलाल सांघवी wholesale medicine dealer थे. दिलीप ने अपनी स्कूली पढाई जे जे अजमेरा स्कूल से की और कलकत्ता विश्वविधालय से commerce में स्नातक किया. पढाई खत्म करने के बाद इन्होने अपने पिता के कारोबार में काम करना शुरू किया. इसी दौरान इन्होने अपनी खुद की दवा कंपनी बनाने की सोची.

महज दस हज़ार रूपए से की थी शुरुआत 

1982 में इन्होने अपने पिता से दस हज़ार रूपए उधार लिए और सन फार्मा की नीव रखी. महज दो लोगो की marketing team और 5 products के साथ sun pharma की शुरुआत की गयी. दिलीप सांघवी और उनकी टीम ने कंपनी को बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की और 1990 में अपनी खुद की manufacturing unit की स्थापना की. इसी दौरान इन्होने कुछ और नए प्रोडक्ट्स भी लांच किये.

Ranbaxy जैसी बड़ी pharma company को खरीद लिया 

धीरे- धीरे sun pharma का कारोबार बढ़ता चला गया और इन्होने पडोसी देशो में भी export  का काम शुरू कर दिया. 1996 में इन्होने महाराष्ट्र के अहमदनगर में भी उत्पादन संयंत्र लगाया. इस समय तक सन फार्मा एक multinational company बन चुकी थी. घाटे में चल रही american company karco laboratories को sun pharma ने खरीद कर अपनी पहुँच america तक बना ली. २०१४ में ranbaxy laboratories को सन फार्मा ने खरीद कर कंपनी में विलय कर लिया इसे देश की सबसे बड़ी pharma company बना दिया.

भारत सरकार ने किया पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित 

बिजनेस में मिली सफलता के लिए इन्हें कई सम्मान और पुरुस्कार भी मिल चुके है. दिलीप सांघवी को 2011 में ‘CNN-IBN Indian of the Year’ - business category का अवार्ड मिला. इसके साथ ही भारत सरकार ने इन्हें 2016 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्मश्री" से भी सम्मानित किया है.

निजी जीवन की बात करे तोह इनके परिवार में इनकी पत्नी विभा और दो बच्चे आलोक और विधि है.


ये थी बिजनेसमैन दिलीप सांघवी की सफलता की कहानी. साइंस की फील्ड से ना होकर भी दवा कारोबार में इन्होने जो सफलता हासिल की वो वाकई काबिले तारीफ़ है उम्मीद है आपको सन फार्मा की स्टोरी पसंद आई होगी.


Success Story of Sun Pharma founder DIlip Shanghvi in hindi. सन फार्मा की सफलता की कहानी.
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